Wednesday, October 6, 2010

A question worth asking.....

तेरा चेहरा ही आईने जैसा
क्यो ना देखु, है देखने जैसा

तेरा चेहरा ही आईने जैसा

तुम कहो तो मै पुछ लूँ तुमसे
है सवाल एक, पुछने जैसा
दोस्त मिल जायेंग़े कई लेकिन
ना मिलेगा कोई मेरे जैसा

हम अचानक मिले थे जब पहले
पल नही है वो भुलने जैसा

तेरा चेहरा है आईने जैसा

Likhne waale ne kya likha hain..... Jagjit Singh ne kya gaaya hain!!!!

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